पारदर्शी शासन चलाने का नमूना पेश किया है मोदी सरकार ने, भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं : शाह
नयी दिल्ली, 10 अकटूबर: केंद्रीय गृहमंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि मोदी सरकार ने भारत में पारदर्शिता के साथ सरकार चलाने का एक उदाहरण प्रस्तुत किया है और इस सरकार के दस साल के कार्यकाल में इस पर भ्रष्टाचार का एक भी ठोस आरोप नहीं लगाया जा सका है।
इसकी तुलना उन्होंने इससे पहले की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार से करते हुए कहा कि उस समय लाखों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार हुए थे और बैंकिंग व्यवस्था चरमरा गयी थी। श्री शाह राजधानी में उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई के 119 वें वार्षिक अधिवेशन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
श्री शाह ने कहा, ‘ 2014 से पहले (मोदी की पहली सरकार बनने से पूर्व) पहले (की सरकार के दस साल में ) 12 लाख करोड़ के घोटाले भ्रष्टाचार हुए थे लेकिन मोदी सरकार के 10 साल में हमारे विरोधी भी हम पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा पाए हैं, इस प्रकार की पारदर्शी सरकार का एक नमूना हमने पेश किया है।”
गृहमंत्री ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र में जनता ही तय करती है कि सरकार का नेतृत्व किसके हाथ में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि तुलनात्मक अध्य्यन किए बिना हम सही मूल्यांकन नहीं कर सकते।
श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार के आने से पहले आतंकवाद, बम धमाके, नक्सलवाद इस देश के लिए नासूर बन चुके थे लेकिन आज हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र या पूर्वात्तर क्षेत्र हो, हमने आतंकवाद और उग्रवाद को समाप्त कर दिया है।
उन्होंने कहा कि आज देश में कामधाम शुरू करना आसन हुआ है । भारत विश्व बैंक की व्यवसाय में सहजता की रैंकिंग में पीछे के 142 नंबर से 63 नंबर पर आ गया है। उन्होंने कहा कि संप्रग के समय पूरी बैंकिंग प्रणाली चरमरा गई थी जबकि वर्ष 2023 24 में सरकारी बैंकों को 1.40 लाख करोड़ रूपए का मुनाफा हुआ है।
उन्होंने कहाकि हर क्षेत्र में नई नीतियां आई हैं और उनके आधार पर देश आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अगर देश को आगे बढ़ाना है तो देश की शिक्षा नीति नई होनी चाहिए और मोदी जी नई एजुकेशन पॉलिसी नीति लेकर आए जिसमें हमने अपनी धरोहर को समाहित करते हुए शिक्षा को वैश्विक बनाया है।
उन्होंने कहा , “2014 और 2024 की देश की तुलनात्मक स्थिति देखने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले सभी लोग कहते थे कि हमारे देश को पॉलिसी पैरालिसिस (नीतिगत लकवा) हो गया है, नीतियां नहीं बनती है, लेकिन मोदी जी ने पॉलिसी पैरालिसिस को समाप्त, ढेर सारी नीतियों का सृजन कर, पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस (कार्यनिष्पादन की नीति) स्थापित करने का काम किया है।”
श्री शाह ने कहा कि आज कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां स्थायी नीति का निर्माण नहीं हुआ। पहले भारत को ‘दुर्बल पांच’ में गिना जाता था लेकिन आज अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक गुलजार क्षेत्र कहता है।
उन्होंने गरीब जनता को मुफ्त आनाज, नल से जल, गैस कनेक्शन और घर घर शौचालय जैसी मोदी सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि आज आज 130 करोड लोग देश की विकास की प्रक्रिया के साथ जुड़ चुके हैं और इसी कारण हमारी आर्थिक वृद्धि दर बढ़ रही है।
श्री शाह ने भारत के उद्योग जगत से अपने काम को विस्तार देने का आह्वान करते हुए कहा कि भारतीय कंपनियों को विश्वस्तरीय बनाने की ज़रूरत है और विश्वभर में भारत का दबदबा बनाने के लिए हमारे चैंबर्स, उद्योगों को निर्णय लेने चाहिएं।