सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की वैधता बरकरार रखी
नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर : उच्चतम न्यायालय ने नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6-ए की संवैधानिक वैधता बरकरार रखते हुए इसे चुनौती देने वाली याचिका गुरुवार को बहुमत के फैसले से खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत, न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश, न्यायमूर्ति जे बी पार्दीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से कानूनी प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति पार्दीवाला ने बहुमत के विचार से असहमति जताई।
मुख्य न्यायाधीश ने फैसले का अंश पढ़ते हुए कहा कि प्रावधान के उद्देश्य को बंगलादेश युद्ध के बाद की पृष्ठभूमि में समझा जाना चाहिए। संविधान पीठ की ओर से उन्होंने कहा कि असम समझौता अवैध प्रवास की समस्या का राजनीतिक समाधान था और धारा 6ए विधायी समाधान है। उन्होंने कहा कि धारा 6-ए मानवीय चिंताओं और स्थानीय आबादी की सुरक्षा की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाने के लिए लागू की गई थी।